Sunday 6 July 2014

CBSE HINDI CLASS 10 LAKHANAVI ANDAZ (लखनवी अंदाज़) YASHPAL (यशपाल)



लखनवी अंदाज़

(यशपाल )

प्रश्न१- लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं?


उत्तर- जब लेखक दूसरे दर्जे के डिब्बे में चढ़ा तो वहाँ नवाब खानदान से ताल्लुक रखनेवाले एक सफ़ेदपोश सज्जन आलथी-पालथी मारे सीट पर बैठे थे।लेखक के अचानक प्रवेश से शायद उनके चिंतन में बाधा पहुँची, जिसका असंतोष उनके चेहरे और व्यवहार में झलक उठा। उन्होंने न तो कोई उत्सुकता दिखाई और न सहयात्री के प्रति जो सामान्य व्यवहारिकता होती है उसका ही निर्वाह किया। खिन्न भाव से बैठे रहे।




प्रश्न २- नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा,नमक-मिर्च बुरका,सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया।उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा। उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है?

उत्तर- नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा,नमक-मिर्च बुरका,अंततः सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया।उनका यह बर्ताव स्वयं को खास दिखाने और लेखक पर अपनी अमीरी का रौब झाड़ने के लिए था।उनका ऐसा करना दंभ,मिथ्या-आडंबर,प्रदर्शन-प्रियता एवं उनके व्यवहारिक खोखलेपन की ओर संकेत करता है।




प्रश्न ३- बिना विचार,घटना और पात्रों के भी कहानी लिखी जा सकती है।यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं?


उत्तर- बिना विचार घटना और पात्रों के भी कहानी लिखी जा सकती है’- लेखक के इस विचार से हम पूर्णतः सहमत हैं। क्योंकि कभी - कभी कहानीकार को न तो कोई प्लाट तलाशने की जरूरत पड़ती है, न घटना-क्रम को संजोकर पात्रों के बीच कहानी का ताना-बाना ही बुनना पड़ता है।अनायास ही घटना न होते हुए भी कोई छोटी-सी बात एक कहानी का विस्तार ले लेती है और देखते ही देखते अकारण ही कहानी बन जाती है।




प्रश्न ४- आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे?


उत्तर- इस निबंध को हम निम्नलिखित नाम दे सकते हैं-

१) अनोखी नवाबगीरी

२) हाल-फटेहाल,नवाबी-चाल



प्रश्न ५-

(क) नवाब साहब द्वारा खीरा खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है।इस पूरी प्रक्रिया को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।


उत्तर- नवाब साहब ने बड़े प्यार से खीरों को धोया।अपनी तौलिया से पोंछा।सामने एक अन्य तौली बिछाई,फिर चाकू से खीरों के सीरों को काटा एवम् झाग निकाला। फिर बड़े सलीके से छिलकर उसकी फाँकें बनाने लगे।खीरे की पतली फाँकों को करीने से तौलिए पर सजाया। उसके बाद जीरा मिला नमक और मिर्च छिड़का।खीरे की फाँक पनियाने लगी, जिसे देखकर लेखक के मुँह में भी पानी आ गया।




(ख) किन-किन चीज़ों का रसास्वादन करने के लिए आप किस प्रकार की तैयारी करते हैं?


उत्तर - लोगों के अपने -अपने और अलग-अलग खाद्य-पदार्थ होते हैं, जिनके नाम मात्र से मन ललच उठता है।मुझे कच्चा अमरूद बहुत पसन्द है,जिसका रसास्वादन करने के लिए उसे अच्छी तरह धो लेते हैं।फिर उसके पतले-पतले और छोटे-छोटे टुकड़े कर लेते हैं।फिर उसमें काला नमक , लाल मिर्च बुरक कर उसमें सरसों की खट्टी चटनी डालकर हिला देते हैं।और फिर काँटा-चम्मच से एक-एक टुकड़ा लेकर मुँह में डालते हैं।स्वाद से आँखें बन्द हो जाती हैं।ऐसे कई और खाद्य-पदार्थ हैं--जैसे टमाटर,पपीता और खरबूज़ा आदि।इन्हें भी खाने के लिए कुछ इसी प्रकार की तैयारियाँ करते हैं।




प्रश्न ६ - खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक कहा जा सकता है।आपने नवाबों की और भी सनकों और शौक के बारे में पढ़ा और सुना होगा ।किसी एक के बारे में लिखिए।


उत्तर - हाँ, हमने प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी शतरंज़ के खिलाड़ीको पढ़ा है।कहानी में शतरंज़ के खेल की लत में पड़कर नवाब साहब अपना सबकुछ गँवा बैठते हैं।यहाँ तक की खेल-खेल में दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे की जान ले लेते हैं।




प्रश्न ७ - क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता है? यदि हाँ, तो ऐसी सनकों का उल्लेख करें।


उत्तर- हाँ, सनक भी सकारात्मक हो सकती है। ऐसी कई सनकों को हमने देखा और सुना है।महात्मा गाँधी का अंग्रेजों के विरुद्ध अहिंसात्मक आन्दोलन उनकी एक सनक ही तो थी, जो कालान्तर में ऐतिहासिक घटना में बदल गई। निरालाको अतुकान्त कविता लिखने की सनक ही थी जो आज प्रगतिवादी कविता का रूप धारण कर चुकी है। सनकियों जैसे अंदाज़ और रफ़्तार में दौड़कर गेन्द फेंकने की आदत ने शोएब अख्तर को विश्व का तेज़ गेन्दबाज़ बना दिया।न जाने और कितने ही उदाहरण हैं,जो ये सिद्ध कर देते हैं कि एक सनक भी सकारात्मक हो सकती है।




प्रश्न ८- निम्नलिखित वाक्यों में से क्रिया पद छाँटकर क्रिया भेद भी लिखिए।

(क)- एक सफ़ेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे।

उत्तर - मारे बैठे थे ------  संयुक्त क्रिया ।



(ख)- नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया।

उत्तर- दिखाया ------- मुख्य क्रिया ।



(ग)- ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है।

उत्तर - बैठे, करते रहने ----- असमापिका क्रिया ।



(घ) - अकेले सफ़र का वक़्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे।

उत्तर - काटने , खरीदे होंगे।  ---------- समापिका क्रिया ।



(ङ)- दोनों खीरों के सिर काटे और उन्हें गोदकर झाग निकाले।

उत्तर - सिर काटे , झाग निकाले। --------असमापिका क्रिया ।



(च)- नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँकों की ओर देखा ।

उत्तर - देखा -------- सकर्मक क्रिया ।



(छ) - नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गये।

उत्तर - थककर ------ पूर्वकालिक क्रिया ।

       लेट गये ......... संयुक्त क्रिया ।



(ज)-  जेब से चाकू निकाला ।

उत्तर - निकाला ------ सकर्मक ।



॥ इति - शुभम् ॥
  विमलेश दत्त दूबे ‘ स्वप्नदर्शी’

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