Tuesday 22 April 2014

kritika bhag-1 cbse class 9 hindi A- Is jal pralaya mein प्रश्न-उत्तर इस जल प्रलय में



 इस जल प्रलय में
प्रश्न १ :- बाढ़ की ख़बर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?
उत्तर :- बाढ़ की ख़बर सुनकर लोग आवश्यक सामान जैसे इंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी और कम्पोज की गोलियाँ जुटाने लगे । घर और दुकानों के जरुरी सामानों को सुरक्षित जगह पर पहुँचाने लगे । सबसे निबटने के बाद लोग बाढ़ के आने का इंतज़ार करने लगे ।

प्रश्न २:- बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था?
उत्तर :- मनुष्य होने के नाते लेखक भी जिज्ञासु था । वैसे लेखक के लिये बाढ़ कोई अनदेखी चीज़ नहीं थी लेखक ने कई बार बाढ़ का सामना किया था । बाढ़ - पीड़ितों की सहायता भी की थी । लेकिन; पटना में पानी कैसे घुसेगा - यह उसके लिये नयी बात थी । यही कारण था कि वह घुसते हुए पानी को देखने के लिये बड़ी उत्सुक था। उसने रिक्शावाले को कहा-“चलो, पानी कैसे घुस गया देखना है।”

प्रश्न ३:- सवेरे साढ़े पाँच बजे पानी आने की खबर सुनकर लेखक की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर :-जब सवेरे साढ़े पाँच बजे लेखक की आँखे खुली तो उन्होने देखा चारों ओर पानी ही पानी है और लोग शोर मचा रहे हैं उन्होने देखा कि उनके घर के पीछे तक पानी आ गया है और पानी बहुत तेज़ था। उन्होने देखा की गोल पार्क डूब गया। पानी लगातार बढ़ता जा रहा था।

प्रश्न ४ :- ‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों?
उत्तर :- बाढ़ के निरंतर बढ़ते हुए जल-स्तर को ‘मृत्यु का तरल दूत’ कहा गया है।बढ़ते हुए जल ने अपनी भयानकता का संकेत दे दिया था ,अब तक कइयों के घर बार उजाड़ चुका था और न जाने कितने प्राणियों को मौत के मुँह मे धकेल दिया था।  इसलिए इसे मृत्यु का तरल दूत कहा गया  है।

प्रश्न ५ :-बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?
उत्तर :-बाढ़ की खबर सुनते ही लोग जरूरत के समान जुटाने में लग गए जैसे कि ईंधन,आलू,पानी आदि ताकि बाढ़ के दिनों में उन्हें इन सब का अभाव न झेलना पड़े।

प्रश्न ६ :- 'ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए। अब बूझो!" - इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है ?
उत्तर :- संकट के समय लोग केवल अपने बारे में सोचते हैं । दूसरों का हाल - चाल भी नहीं पूछते। उक्त कथन द्वारा लोगों में पाए जाने वाली क्षेत्रियता की भावना, स्वाभाविक कठोरता एवम् पारस्परिक द्वेषपूर्ण मानसिकता पर चोट की गई है।

प्रश्न ७: खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी?
उत्तर :-बाढ़ आ रही थी। उत्सुक लोग बाढ़ को देखने के लिए इकट्ठे हो रहे थे। वे बाढ़ से डर नहीं रहे थे बल्कि हँसी - मज़ाक कर रहे थे। ऐसे में पान की दुकान समय गुजारने के लिए सबसे अच्छी जगह थी ।यही कारण था कि पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी।

प्रश्न ८:- जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए?
उत्तर :- जब लेखक को यह लगा कि उनके इलाके में बाढ़ के पानी घुसने को है तो उन्होने रोज़ काम में आने वाले चीज़ें जुटाने में लग गए जैसे- गैस,मिट्टी का तेल,पीने का पानी , आलू, मोमबत्ती, दियासलाई और कंपोज की गोलियाँ लीं। उन्होने पढ़ने के लिए किताबें भी खरीद ली।

प्रश्न ९:-नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया?
उत्तर :- नौजवान और कुत्ता एक - दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। दोनों एक - दूसरे के दोस्त थे। दोनों में परस्पर गहरा लगाव था । दोस्त होने के नाते उनमें  पशु और मानव का भेद नहीं रह गया था। कुत्ते के बिना तो नौजवान को मरना भी कबूल नहीं था। इससे उनके मैत्री की भवना का पता चलता है।
॥ इति - शुभम् ॥
अगला पोस्ट क्लास 10 के लिए...))

बिमलेश दत्त दूबे ‘स्वप्नदर्शी '



5 comments:

  1. सबसे निबटने के बाद लोग बाढ़ के आने का इंतज़ार करने लगे । what does this mean?would the people wait for the flood to come

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    1. हाँ... कुछ ऐसा ही था... बाढ़ से निबटने की सारी तैयारियाँ कर लेने के बाद लोग अपने गली-मुहल्लों में बाढ़ के पानी के घुसने का इन्तज़ार कर रहे थे... इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था..

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