Thursday 27 March 2014

cbse hindi a class 10 सूरदास के पद - कवि-परिचय





कवि-परिचय


सूरदास जी को हिन्दी साहित्य का सूर्य कहा जाता है। इनका जन्म 1478 . एवं इनकी मृत्यु 1583. में हुई । सूरदास जी प्रधानत: भक्त-कवि हैं । इनकी रचनाओं में वात्सल्य  एवं श्रृंगार की प्रधानता है। इनकी भाषा आलंकारिक, मुहावरेदार और सरस है। जो बज्रभाषा को बोधगम्यता प्रदान करती है। "सूर-सागर" "साहित्य-लहरी" और "सूर-सारावली" इनकी प्रमुख रचनाएँ है।

बात पाठ की

सूरदास द्वारा रचित ये "पद" उनके महाकाव्य "सूरसागर" के भ्रमर-गीत खण्ड से संकलित हैं। इनमें मुख्यत: गोपियों के कृष्ण के प्रति प्रेम,विश्वास,हास्य,व्यंग्य एवं अनन्य-भक्ति का परिचय मिलता है।

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 नोट :- पहला पद क्रमश: ........ अगले पोस्ट में ))

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